संदेश

कुमार कृष्‍ण शर्मा की कवितायें

चित्र
सन 2008 से ‌हिंदी में कविताएं लिखना शुरू किया। मौजूदा समय में हिंदी दैनिक अमर उजाला जम्मू के साथ वरिष्‍ठ पत्रकार के तौर पर काम कर रहे। भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान , पा‌किस्तानी गजल गायिका फरीदा खानम , संतूर वादक पंडित शिव कुमार शर्मा ,  नामवर सिंह , ज्ञानपीठ पुरस्कृत प्रो . रहमान राही आदि का ‌साक्षात्कार कर चुके। ' पहली बार ' और ' अनुनाद ब्लॉग ' के अलावा विभिन्न पत्रिकाओं में छपने के अलावा और रेडियो , दूरदर्शन और जम्‍मू कश्मीर कला , संस्कृति और भाषा अकादमी की ओर से आयोजित कवि सम्मेलनों में शिरकत। अन्य लोक मंच जम्मू और कश्मीर के संयोजक ; साहित्य , कला और संस्कृति के सरोकारों के साथ साथ उनसे जुड़े मुद्दों के विकास और प्रचार के लिए जम्मू कश्मीर के पहले हिंदी ब्लॉग ' खुलते किवाड़ ' ( छोटे भाई और मित्र कमल जीत चौधरी के साथ) ) शुरू करने का श्रेय. पहली बार पर आप कुमार कृष्ण शर्मा की कविताएँ पहले भी पढ़ चुके हैं. आज एक बार फिर पेश हैं कुमार कृष्ण की कुछ नयी कविताएँ. प्रस्तुत तीनों कविताएं कश्मीर से जुड़ी सच्ची घटनाओं से प्रेरित हैं। .अग्निशेखर...

विमलेश त्रिपाठी के कविता संग्रह ‘एक देश और मरे हुए लोग’ पर मिथलेश शरण चौबे की समीक्षा

चित्र
सुपरिचित युवा कवि-कहानीकार विमलेश त्रिपाठी का बोधि प्रकाशन से हाल ही में एक नया कविता संग्रह आया है- ‘एक देश और मरे हुए लोग’. इस संग्रह पर एक समीक्षा लिख भेजी है युवा कवि मिथलेश शरण चौबे ने, तो आईए पढ़ते हैं यह समीक्षा – ‘सबसे कम आदमी रह जाने की होड़ के विरुद्ध’ सबसे कम आदमी रह जाने की होड़ के विरुद्ध मिथलेश शरण चौबे             एक ऐसे समय में जबकि जनविमुख व दूषित राजनीति की केन्द्रीयता ने जीवन के सारे आयामों को अपनी तरह पतनोन्मुख बनाने की कुत्सित चेष्टा की हो, हाशिए का हिस्सा बना दिए गए साहित्य की सुन्दर-खुरदुरी और फौरी किस्म की कार्यवाहीविहीन भूमि से निरुपायता की आत्ममुग्ध छवि को ध्वस्त कर एक लम्बे विलाप से उबरते हुए, अपने समय व उसमें घटित को प्रश्नांकित करने, सही और गलत का वाजिब फ़र्क जताने और साहित्य की वास्तविक हिस्सेदारी को सघन बनाने के कर्तव्य निर्वहन की दिशा में युवा कवि विमलेश त्रिपाठी के संग्रह ‘एक देश और मरे हुए लोग’ की कविताएँ असन्दिग्ध प्रमाण हैं| पैसठ बरस पहले स्वाधीन हो चुके लोगों की कर्तव्यविमुखता के आत...